🌺सहस्र-महावास्तू🌺 पूर्व चक्र : इस चक्र की स्थापना पूर्व दिशा मैं की जाती है। पूर्व दिशा का संबंध रवी- मंगल-गुरु ग्रह से जुडा हुआ है। तथा पूर्व दिशासे केतू और शुक्र के नक्षत्र समंध रखते है। अगर समस्या धन से जुडी है तो पूर्व दिशा मैं शुक्र ग्रह चक्र पूजा करना चाहीये। इसके साथ श्री चक्र पूजन करणे से अधिक लाभ प्राप्त होता है। अगर समस्या संतति से जुडी हुई है तो रवी तत्व की चक्र पुजा करणी चाहीये अगर समस्या बल और भय से जुडी हुई हैं तो मंगल ग्रह की चक्र पूजा करणी चाहीये। अगर समस्या विद्या शिक्षा तथा ग्यान से जुडी हुई है तो गुरू की चक्र पूजा करणे से लाभ हो सकता है। 🌈डॉ नरेंद्र हरी सहस्रबुध्दे🌈 🌸9822011050🌸


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