वास्तू कथा
🌺सहस्र महावास्तू🌺
वास्तुकथा:१
उस भवन मैं गए थे। 40 साल की बीवी और 46 साल का मियाँ बड़े दुख मैं थे। जीवन के प्रति निराश थे। पुरखोसे आए करोडों की मालमत्ता और ये मालमत्ता और फॅक्टरी चलाने वाला आगे कोई कोही नहीं। भवन मैं अग्नेय मैं कुवा, अग्नेय मैं बड़ा प्रांगण और उत्तर मैं शौचालय ऐसे स्तिथि थीं। जिसका निर्बल अग्नि और प्रदूषित जल कहते हैं। भवन मैं सुधार किया और 1 साल बाद आंगन मैं "गोपाल" आया। वास्तु गुणोत्कर्ष कल बताएंगे.......।
।।🌺सहस्र महा वास्तु🌺।।
🌈डॉ सहस्रबुध्दे
९८२२०११०५०🌺1
🌺सहस्रमहावास्तू🌺
वास्तुकथा:१
जब कोई व्यक्ति प्रदूषित भवनमें सालोसाल रहता है,तब उस अशुभ उर्जाका प्रभाव व्यक्तिके अंत:करण चतुष्टयमें विकार-रोग-क्षति पहुँचाता है।तब इस प्रभाव को घटानेकेलिये योग-वास्तू-ज्योतिष-आयुर्वेद-मंत्रशास्त्रके संयुक्त उपचार पध्दतीका अवलंब करना चाहिये।इस प्रकारसे संयुक्त उपचार पध्दतिका अवलंब करनेसे वैश्विक अलौकिक उर्जा का संस्कार जीवनमें परिवर्तन लाता है और फिर वास्तुमें किये गुणोत्कर्षका परिणाम शीघ्र गतीसे प्रारंभ हो जाता है।संयुक्त दृष्टिकोण यही सहस्रमहावास्तु...