Tantra Vaastu
तंत्र वास्तु:
यंत्र शब्द की व्याख्या य माने यम और त्र माने 'से संरक्षण करना' इस प्रकार है। जहॉं भी यंत्र है वहॉं पर मंत्र तो आवश्यक है ।जहॉं मंत्र है वहॉंपर उसकी सिध्दी के लिये मुहूर्त तथा कर्मकांड तो जरूरी है ।यंत्र के साथ जब मंत्र मुहूर्त कर्मकांड जुड़ जाता है तब उसमें तंत्र की निर्मिती होती है।
वास्तुशास्त्रमें यमका निवास दक्षिण देवतावृंदमें है तथा यहॉंपर वासनाकोष और पृथ्वीतत्व है।इस पृथ्वीतत्वकी जकडसे निकलकर आकाश-प्रकाश-उर्जा-ज्योतीचक्रमें समा जाना यह जीवनका उद्धिष्ट साध्य करने में वास्तुशास्त्रको अहम् महत्व है।
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